मूल कर्तव्य – हर भारतीय नागरिक की जिम्मेदारी
📜 मूल कर्तव्य (Fundamental Duties) भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51A में उल्लिखित हैं। इन्हें 42वें संशोधन के तहत 1976 में संविधान में जोड़ा गया था।
🇮🇳 इनका उद्देश्य नागरिकों को अपने देश, समाज, संस्कृति और पर्यावरण के प्रति ज़िम्मेदार बनाना है।
👇 संविधान में बताए गए 11 मूल कर्तव्य:
- संविधान का पालन करना और इसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्रगान का सम्मान करना।
- स्वतंत्रता की रक्षा करना और उसकी गरिमा को बनाए रखना।
- भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करना।
- देश की रक्षा करना और आवश्यकता पड़ने पर राष्ट्र की सेवा करना।
- सामाजिक सौहार्द और भाईचारे की भावना का विकास करना।
- महिलाओं के प्रति सम्मानजनक व्यवहार और समानता सुनिश्चित करना।
- भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की रक्षा और संवर्धन करना।
- प्राकृतिक पर्यावरण, जंगलों, नदियों, वन्य जीवों की रक्षा करना।
- वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानवतावाद और ज्ञान की भावना का विकास करना।
- सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा करना और हिंसा से दूर रहना।
- व्यक्तिगत और सामूहिक प्रयासों के माध्यम से उत्कृष्टता प्राप्त करना।
✨ मूल कर्तव्य कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं हैं, लेकिन ये हर भारतीय का नैतिक दायित्व हैं।
🙏 अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों का पालन भी लोकतंत्र की मजबूती की पहचान है।
🇮🇳 जय हिन्द जय भारत 🇮🇳
हमारा गाँव हमारा देश ❤️ | जियो और जीने दो
— Change Your Life अभियान द्वारा प्रस्तुत
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