डॉ. भीमराव अंबेडकर और भारतीय संविधान में उनकी भूमिका
✍️ डॉ. भीमराव अंबेडकर भारतीय संविधान के प्रमुख निर्माता और प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे। उनका योगदान भारत के लोकतंत्र की नींव है।
📘 अंबेडकर जी को संविधान निर्माता (Architect of Indian Constitution) इसलिए कहा जाता है क्योंकि उन्होंने न केवल संविधान का मसौदा तैयार किया, बल्कि उसमें समानता, न्याय, और स्वतंत्रता की भावना को मजबूत रूप दिया।
👥 उन्होंने दलितों और वंचित वर्गों के अधिकारों की रक्षा के लिए विशेष प्रावधानों की सिफारिश की, जिससे सामाजिक न्याय का मार्ग प्रशस्त हुआ।
🧠 अंबेडकर जी ने विभिन्न देशों के संविधान का अध्ययन किया और भारत के लिए सबसे उपयुक्त सिद्धांतों को अपनाया।
🗳️ उन्होंने संविधान में मौलिक अधिकार, नीति निर्देशक तत्व, समान नागरिक संहिता जैसे महत्वपूर्ण भागों को विशेष प्राथमिकता दी।
🔚 25 नवम्बर 1949 को संविधान सभा में उन्होंने अपना ऐतिहासिक अंतिम भाषण दिया, जिसमें उन्होंने तीन चेतावनियाँ भी दीं – राजनीतिक लोकतंत्र को सामाजिक लोकतंत्र में बदलने की ज़रूरत पर बल दिया।
🙏 उनका विचारशील, न्यायप्रिय और दूरदर्शी दृष्टिकोण ही आज भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था की रीढ़ है।
🇮🇳 जय हिन्द जय भारत 🇮🇳
हमारा गाँव हमारा देश ❤️ | जियो और जीने दो
— Change Your Life अभियान द्वारा प्रस्तुत
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