भारतीय संविधान की प्रस्तावना – भावार्थ सहित
📜 भारतीय संविधान की प्रस्तावना संविधान का एक अहम हिस्सा है। यह संविधान के उद्देश्यों और सिद्धांतों को संक्षिप्त रूप में प्रस्तुत करती है।
🇮🇳 प्रस्तावना के शब्दों का भावार्थ भारतीय लोकतंत्र, समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता, समानता और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों को परिभाषित करता है। यह पूरी संविधान की आत्मा को व्यक्त करता है।
✍️ प्रस्तावना में निम्नलिखित मुख्य उद्देश्य बताए गए हैं:
- 🔹 संप्रभुता: भारत को पूर्ण रूप से स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र घोषित किया गया है।
- 🔹 समाजवाद: समाज में समानता, न्याय और समृद्धि के सिद्धांतों का पालन किया जाएगा।
- 🔹 धर्मनिरपेक्षता: राज्य किसी भी धर्म का पक्षधर नहीं होगा, सभी धर्मों को समान सम्मान मिलेगा।
- 🔹 लोकतंत्र: भारतीय लोग अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करके सरकार चलाएंगे।
- 🔹 समानता: संविधान सभी नागरिकों को समान अधिकार और अवसर प्रदान करेगा।
- 🔹 न्याय: हर व्यक्ति को न्याय की समान पहुँच मिलेगी।
- 🔹 बंधुत्व: समाज में भाईचारे, प्रेम और एकता का वातावरण सुनिश्चित किया जाएगा।
🌍 प्रस्तावना न केवल हमारे अधिकारों की रक्षा करती है, बल्कि यह हमारे कर्तव्यों की भी याद दिलाती है।
✨ भारतीय संविधान की प्रस्तावना देश के प्रत्येक नागरिक को समानता, न्याय और स्वतंत्रता प्रदान करती है और भारतीय लोकतंत्र की नींव रखती है।
🇮🇳 जय हिन्द जय भारत 🇮🇳
हमारा गाँव हमारा देश ❤️ | जियो और जीने दो
— Change Your Life अभियान द्वारा प्रस्तुत
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