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भारतीय संविधान की प्रस्तावना का महत्व
भारतीय संविधान की प्रस्तावना हमारे संविधान का हृदय है। यह संविधान की मूल भावना और उद्देश्य को स्पष्ट करती है। इसमें भारत को संप्रभु, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया गया है।
प्रस्तावना के प्रमुख तत्व
- संप्रभुता: भारत को किसी बाहरी शक्ति से स्वतंत्र और स्वायत्त घोषित करता है।
- समाजवाद: समाज में समानता और आर्थिक न्याय सुनिश्चित करने का वचन।
- पंथनिरपेक्षता: सभी धर्मों को समान सम्मान और स्वतंत्रता।
- लोकतंत्र: जनता के द्वारा, जनता के लिए और जनता का शासन।
- गणराज्य: जनता के निर्वाचित प्रतिनिधियों के माध्यम से शासन।
महत्व
प्रस्तावना संविधान की आत्मा को दर्शाती है और यह दिशा-निर्देशक सिद्धांतों के रूप में कार्य करती है। यह नागरिकों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों की याद दिलाती है और न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुता की भावना को मजबूत करती है।

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