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केंद्र-राज्य संबंध – भारतीय संविधान में विस्तृत विवरण
भारतीय संविधान केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियों का स्पष्ट विभाजन करता है। इसका उद्देश्य संतुलित संघीय व्यवस्था और देश के सुचारु प्रशासन को सुनिश्चित करना है। केंद्र-राज्य संबंध संविधान के अनुच्छेदों के माध्यम से स्पष्ट रूप से निर्धारित हैं।
प्रमुख विशेषताएँ
- शक्ति का विभाजन – संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची।
- राज्यों की स्वायत्तता और केंद्र का नियंत्रण।
- संघीय संतुलन बनाए रखने के लिए संवैधानिक प्रावधान।
- विवादों के समाधान के लिए न्यायपालिका की भूमिका।
महत्व
- देश की अखंडता और स्थिरता सुनिश्चित करना।
- राज्यों और केंद्र के बीच समन्वय और सहयोग को बढ़ावा देना।
- नीति और कानूनों का प्रभावी कार्यान्वयन।
- संघीय विवादों का संवैधानिक समाधान।
निष्कर्ष
केंद्र-राज्य संबंध भारतीय संघ के सुचारु संचालन के लिए आवश्यक हैं। संतुलित और संविधान सम्मत केंद्र-राज्य व्यवस्था देश के लोकतंत्र और विकास को मजबूत बनाती है।
🇮🇳 जय हिन्द जय भारत 🇮🇳
हमारा गाँव हमारा देश
✍️ Change Your Life अभियान द्वारा प्रस्तुत
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