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परिचय
भारतीय संविधान में आरक्षण नीति का उद्देश्य सामाजिक न्याय स्थापित करना और पिछड़े वर्गों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्गों को समान अवसर प्रदान करना है।
आरक्षण का इतिहास
आरक्षण की अवधारणा ब्रिटिश काल से प्रारंभ हुई थी, जिसे स्वतंत्रता के बाद संविधान में विशेष रूप से जोड़ा गया।
संविधान में आरक्षण प्रावधान
अनुच्छेद 15(4), 16(4), 330, 332, 335 और 338 में आरक्षण संबंधित प्रावधान हैं।
आरक्षण के लाभ
- सामाजिक समानता को बढ़ावा
- शैक्षिक एवं रोजगार अवसरों में वृद्धि
- राजनीतिक भागीदारी सुनिश्चित
आरक्षण से जुड़ी चुनौतियाँ
- क्रीमी लेयर का दुरुपयोग
- प्रतिस्पर्धा पर नकारात्मक प्रभाव
- सामाजिक विभाजन की संभावना
निष्कर्ष
आरक्षण नीति का उद्देश्य सामाजिक न्याय और समानता है, लेकिन इसके कार्यान्वयन में संतुलन आवश्यक है ताकि वास्तविक लाभार्थियों तक इसका लाभ पहुंचे।
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