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वित्त आयोग – विस्तृत विश्लेषण
भारतीय संविधान में वित्त आयोग राज्यों और केंद्र के बीच वित्तीय संसाधनों के वितरण और संतुलन के लिए एक संवैधानिक संस्था है। इसका उद्देश्य देश में आर्थिक न्याय और संतुलित विकास सुनिश्चित करना है।
मुख्य संवैधानिक प्रावधान
- अनुच्छेद 280 – वित्त आयोग की स्थापना और कार्यकाल।
- केंद्र और राज्य सरकारों के बीच वित्तीय संसाधनों का वितरण।
- राज्यों की वित्तीय स्थिति का मूल्यांकन और सुधार की सिफारिश।
- वित्तीय अनुशासन और संतुलित विकास सुनिश्चित करना।
- अन्य आर्थिक मुद्दों पर केंद्र और राज्यों को सिफारिशें।
महत्व
- राज्यों और केंद्र के बीच वित्तीय संतुलन सुनिश्चित करना।
- आर्थिक न्याय और विकास को बढ़ावा देना।
- संसाधनों का प्रभावी और न्यायसंगत वितरण।
- देश में समग्र और संतुलित विकास को सुनिश्चित करना।
निष्कर्ष
वित्त आयोग संविधान का एक महत्वपूर्ण अंग है। यह राज्यों और केंद्र के बीच वित्तीय संसाधनों के न्यायपूर्ण वितरण और आर्थिक संतुलन बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है।
🇮🇳 जय हिन्द जय भारत 🇮🇳
हमारा गाँव हमारा देश
✍️ Change Your Life अभियान द्वारा प्रस्तुत
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