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केंद्र–राज्य संबंध | प्रशासनिक, विधायी और वित्तीय सहयोग
📘 भारत एक संघीय व्यवस्था वाला देश है, जहाँ केंद्र और राज्यों को अलग-अलग कार्यक्षेत्र सौंपे गए हैं। परंतु, सुचारु शासन के लिए उनके बीच समन्वय और सहयोग आवश्यक होता है।
📂 केंद्र-राज्य संबंधों के तीन मुख्य क्षेत्र:
1️⃣ प्रशासनिक संबंध
- 👮 केंद्र राज्यों को दिशा-निर्देश दे सकता है (अनुच्छेद 256–263)
- 📑 केंद्र राज्यों की प्रशासनिक सहायता ले सकता है
- 🤝 आपातकाल की स्थिति में पूरा नियंत्रण केंद्र को
2️⃣ विधायी संबंध
- 📜 तीन सूचियाँ – संघ, राज्य और समवर्ती सूची
- 🧾 संसद विशेष परिस्थितियों में राज्य विषयों पर भी कानून बना सकती है
- ⚖️ संसद और राज्य विधानसभाओं में टकराव की स्थिति में संसद का कानून प्रभावी
3️⃣ वित्तीय संबंध
- 💰 केंद्र को मुख्य राजस्व अधिकार
- 🏦 राज्य सरकारें केंद्र से अनुदान व सहायता प्राप्त करती हैं
- 🏛️ वित्त आयोग (अनुच्छेद 280) केंद्र-राज्य में धन का बंटवारा तय करता है
📌 निष्कर्ष:
✅ संविधान ने स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए हैं कि कैसे केंद्र और राज्य मिलकर राष्ट्रहित में कार्य करें।
✅ यह संबंध संघात्मक ढांचे की आत्मा हैं।
🇮🇳 “सहयोगात्मक संघवाद ही भारत की सफलता की कुंजी है।”
🇮🇳 जय हिन्द जय भारत 🇮🇳
🤝 जियो और जीने दो
✍️ Change Your Life अभियान द्वारा प्रस्तुत
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